Monday, November 28, 2011

क्यों है डर तुझे खोने का......




फिर से वही गलती किये जा रहा हूँ मैं .....
बिन बताये तुझे प्यार किये जा रहा हूँ मैं .....
अब तो डर लगता है तेरी ओर देखने से भी .....
बिन देखे हीं तुझे अपना बनाये जा रहा हूँ मैं.....

Tuesday, November 1, 2011

तुम............

शोर में
शांति सी तुम
भोर में
आरती सी तुम

पंछी में
पंखों सी तुम
सागर में
लहरों से तुम

हकीकत में
भ्रान्ति सी तुम
स्वप्न में
जागती सी तुम

नींद में
करवट सी तुम
तन्हाई में
आहट सी तुम

बारिश में
बूंदों सी तुम
आसमान में
तारों सी तुम

सहनाई में
गुंजों सी तुम
बंसी में
छिन्दों सी तुम

बसंत में
फूलों सी तुम
सावन में
झूलों सी तुम

कला में
सृजन सी तुम
प्रेम में
समर्पण सी तुम

कुछ जानी कुछ पहचानी . . . . . .

कुछ जानी, कुछ पहचानी
पर थोड़ी सी अनजानी
कुछ एसी थी वो लड़की

नज़रे नीचे, पलकें झुकी
थोड़ी शरमाई, थोड़ी घबड़ाई सी
कुछ एसी थी वो लड़की

होटों पे हंसी, आँखों में मस्ती
थोड़ी बलखाई, थोड़ी इठलाई सी
कुछ एसी थी वो लड़की

मुखरे पे लटें, चाल में सुस्ती
थोड़ी लहराई, थोड़ी मुरझाई सी
कुछ एसी थी वो लड़की

दोस्तों से घिरी, बरामदे में खड़ी
थोड़ी मुस्काई, थोड़ी गुस्साई सी
कुछ एसी थी वो लड़की

बातें करती मुझसे, आज पहली बार
थोड़ी हकलाई, थोड़ी पगलाई सी
मेरे सामने थी वो लड़की........

Tuesday, October 11, 2011

JUST THINKING OF YOU....

ये खाली खाली सा शमा .... ढूंढे तुझे यहाँ वहां .....
मैं तो कबसे हूँ यहाँ .... न जाने तुन्ही है कहाँ ....
यादें भी हैं अब धुआं .... कैसे करूँ अब क्या बयां ....
पूछे है अब ये जहाँ .... जाना है अब कब कहाँ ....















Tuesday, December 18, 2007